AFTAB HASNAIN
सौ किताबें रद्दी के लिए छपें, उससे बेहतर है कि एक किताब लायब्रेरी के लिए छपे--आफताब हसनैन
Tuesday, 15 March 2011
स्वागत
आफताब हसनैन
हिंदी साहित्य में नाटक का इतिहास बहुत पुराना है. नाटक हमारे समाज से विभिन्न रूपों में आदिकाल से जुड़ा हुआ है. आधुनिक नाटक का रूप क्या होना चाहिए, इसपर आपके विचार आमंत्रित हैं. इस ब्लॉग (aftabhasnain.blogspot.com) में आपका स्वागत है.
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